प्राचीन भारतीय चित्रकला का अनुमान ‘अजन्ता’, ‘एलोरा’ तथा ‘बाघ’ की गुफाओं में मिले चित्रों से लगाया जा सकता है। इन गुफाओं की चित्रकला का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है-
(I) अजन्ता – अजन्ता को गुफायें ‘बम्बई’ राज्य में ‘फरदपुर’ से 6 किलोमीटर दूर स्थित है। गुफाओं को बड़े बड़े पहाड़ों को काट कर अर्ध वर्गाकार घेरे के रूप में बनाया गया है । अजन्ता को 29 गुफाओं में 1, 2, 6, 10, 16 और 17 नम्बर की गुफाएँ विभिन्न प्रकार के चित्रों से भरी हुई हैं। इन गुफाओं का पता 1819 ई० में ‘सर जेम्सअलैक्जेण्डर‘ नामक एक शिकारी ने लगाया। इन गुफाओं का निर्माण काल 200 ईसा पूर्व से 600 ई० तक माना जाता है।
अजन्ता की गुफाओं में सम्राटों के महलों के चित्र, स्त्रियों के चित्र, किसानों व तपस्वियों केचित्, भिखारियों के चित्र तथा जानवरों, पक्षियों, पेड़-पौधों तथा फूलों के चित्र बने हुये हैं। इन चित्रों में बड़ी सजीवता है और इनमें मैत्री, करुणा, प्रेम, क्रोध, लज्जा, हर्ष आदि भावों की अभिव्यक्ति सरलतापूर्वक की गई है। इन चित्रों में विरहणी का चित्र, मरणासन्न राजकुमारी का चित्र, नागराज की सभा, भार विजय, जातक कथाओं के चित्र, बुद्ध जन्म, बोधिसत्व, राहुल का समर्पण, हंसों के चित्र आदि विशेष रूप से सुन्दर और मनोहारी है।
(I) एलोरा – अजन्ता से 60 किलोमीटर दूर औरंगाबाद’ के निकट ‘एलोरा‘ की गुफाएँ स्थित है। इन गुफाओं की संख्या 34 है। इनमें 1 से 16 नम्बर तक की गुफाओं में बौद्ध धर्म से सम्बन्धित बने हुये हैं। 17 से 30 नम्बर तक की गुफायें शिव-पार्वती के चित्रों से भरी हैं और 31 से 34 नम्बर की गुफाओं में जैन धर्म से सम्बन्धित चित्र हैं।
कला की दृष्टि से एलोरा की गुफायें अजन्ता की गुफाओं से श्रेष्ठ हैं। एलोरा की गुफाओं में भारतीय कला और सस्कृति का समन्वय बड़े ही आश्चर्यजनक ढंग से किया गया है। इन चित्रों में जीवन की सजीवता कला का निखार तथा प्रेमी का प्रेमिका के साथ-साथ संसार की निस्सारता आदि का बड़ा सजीव वर्णन किया गया है।
(III) बाघ- बाघ ग्वालियर (मध्य प्रदेश) जिले में स्थित एक छोटा सा गाँव है। इसके चारों ओर फैली विन्ध्याचल पर्वत की पहाड़ियों में बाघ की 9 गुफाएँ बनी हुई हैं। जिनकी खोज ‘लेफ्टीनेन्ट डेब्जरफील्ड ने 1818 ई० में की थी। इन गुफाओं में दो नारियों के रोने का दृश्य, चार मनुष्यों का शास्त्रार्थ करने की मुद्रा का दृश्य, उड़ते हुए मनुष्यों का दृश्य तथा गायकों व नतंकियों के चित्र, घुड़सवारों के चित्र आदि विशेष रूप से दर्शनीय हैं। इस प्रकार बाघ की गुफाओं की चित्रकारी बड़ी अनुपम और सजीव है।
अजन्ता, एलोरा तथा बाघ की गुफाओं के अतिरिक्त बाराबर (गया-बिहार), नागार्जुन, भाजा (पूना), कार्ली, कान्हेरी, (कृष्ण गिरी) तथा ऐलीफेन्टा (बम्बई के निकट) की गुफायें अपने चित्रों के लिए सारे संसार में प्रसिद्ध हैं।