अमेरिका को क्रान्ति (1775-83 ई०) (American Revolution)
17 वीं शताब्दी में इंगलैंड के अनेक उपनिवेश (वजोंनिया, मेरीलैण्ड, कैरीलोना, जाबिया, प्लाई माउथ, मेन, कनेक्टोकट, न्यूयार्क, न्यूज, पेंसिल बेनिवा, डनवेपर, न्यू फाउनलैण्ड, बारामूदा, वेस्ट इंडीज आदि) अमेरिका में स्थापित हो चुके थे। इन उपनिवेशों की जनता पर अंग्रेज लोग अनेक प्रकार के अत्याचार किया करते थे।
अंत: इंगलैंड के सम्राट ‘जार्ज तृतीय’ के शासन काल में अमेरिका का क्रान्ति, जिसे ‘अमेरिका का स्वाधीनता युद्ध कहा जाता है, 1775 ई० में प्रारम्भ हुई और इसका का 1783 ई० में हुआ। इस युद्ध में अमेरिका की जीत हुई। इस हार के कारण अमेरिका में स्थित अंग्रेजों के 13 उपनिवेश उनके हाथ से निकल गये और ‘संयुक्त राज्य अमेरिका’ की स्थापना हुई, जिसका पहला राष्ट्रपति “जार्ज वाशिगटन’ था।
क्रांति के परिणाम (Results of the Revolution)
अमेरिका की कान्ति विश्व की एक महान घटता थी। इसके निम्नलिश्चित परिणाम हुये
(I) सन् 1776 ई० में अमेरिकनों ने अपने स्वतन्त्रता का घोषणा पत्र जारी किया।
(II) सन् 1789 ई० में संसार में पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक लिखित संविधान बनाया गया। उसके बाद अन्य देशों में लिखित संविधान की परम्परा चल पड़ी।
(III) अमरिका में पहली बार ‘जनता का राज्य जनता के द्वारा तथा जनता के लिए’ अर्थात् एक लोक’ तांत्रिक राज्य स्थापित किया गया।
(IV) अमेरिकी लोकतन्त्र में पहली बार जनता को स्वतंत्रता, समानता और बन्धुत्व के अधिकार प्रदान किये गये ।
(V) अमेरिका ने सर्वप्रथम संसार में संघात्मक शासन प्रणाली की नींव डाली।
(VI) इंगलैंड के गौरव का अन्त हो गया। इंगलैंड ने अपने उपनिवेशों में सुधार कानून लागू करने शुरू कर दिये। जाजं तृतीय के ‘व्यक्तिगत शासन’ का अन्त हो गया और वहाँ राजपद की प्रतिष्ठा गिरने लगी।
(VII) अमेरिकी क्रान्ति ने फ्रांस की राज्य क्रान्ति को प्रोत्साहन दिया।
(VIII) आयरलैण्ड में स्वाधीनता आन्दोलन तेजी के साथ चलने लगा।
(IX) स्पेन के सम्मान व गौरव में वृद्धि हो गयी
(X) जार्ज वाशिंगटन संयुक्त राज्य अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बने