कन्फ्यूशियस का धर्म (Confucius’s Religion)

कन्फ्यूशियस (551-479 ईसा पूर्व) चीन का एक महान दार्शनिक और धार्मिक नेता था। उसने लग भग 40 वर्षो तक अपनी शिक्षाओं का चीन में प्रचार किया। कन्फ्यूशियस की शिक्षायें इतनी प्रचलित हुई कि चीनी लोग उसे कन्फ्यूशियस के धर्म के रूप में स्वीकार करने लगे । अन्फ्यूशियस के धर्म को प्रमुख शिक्षायें पाँच वर्ष पुस्तकों में संकलित हैं, जिन्हें ‘पाँच कालजयी ग्रन्थ’ (Five classics) कहा जाता है।

शिक्षायें – कन्फ्यूशियस की प्रमुख शिक्षायें निम्नलिखित हैं-

(1) कन्फ्यूशियस की शिक्षायें मुख्य रूप से शिष्टाचार के विभिन्न सिद्धान्तों पर आधारित हैं।

(2) यह शिष्टाचार तथा सदाचार पर विशेष बल देता था।

(3) उसका मत था कि हमें अपने माता-पिता व पूर्वजों का सम्मान करना चाहिये ।

(4) उसके अनुसार मनुष्य को स्याय, ईमानदारी, सच्चाई, ध्य आदि नैतिक गुर्गो पर दृढ़ रहना चाहिए। शिक्षित लोगों को अपने आचरण के द्वारा दूसरों के लिए आदर्श उपस्थित करना चाहिए।

(5) कन्फ्यूशियस ईश्वर के अस्तित्व और पुर्नजन्म में विदान रखता था।

(6) उसके अनुसार मनुष्य को सांसारिक वासनाओं से दूर रहना चाहिये ।

(7) कन्फ्यूशियस से परम्परागत धार्मिक विद्वानों और ग्रन्थों का भी समर्थन किया ।

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