18 वीं शताब्दी में फ्रांस में निरंकुश राजाओं का शासन था। सामन्तों और पादरियों को विशेष अधिकार प्राप्त थे। वे लोग वैभव और ऐश्वर्य पूर्ण जीवन व्यतीत करते थे, लेकिन साधारण जनता बहुत दुखी थी। परिणाम स्वरूंप 1786 ई० में फ्रांस में राज्य क्रन्ति हुई, जिसने शीघ्र ही एक भयानक रूप धारण कर लिया। निरंकुश शासन का अन्त करके फ्रांस में प्रजातांत्रिक शासन की स्थापना की गई । इस क्रान्ति में फ्रांस का राजा ‘लुई सोलहवाँ’, उसकी रानी ‘मरी आंतो आन्त’ और उसके हजारों पक्षपातियों को मौत के घाट उतार दिया गया।
25 वर्ष तक सारा यूरोप युद्ध की भाग में जलता रहा । हजारों नगर बरबाद हो गये, और लाखों व्यक्ति मारे गये। इस सारे खून-खरावे को, जो 1786 ई० में फांस में प्रारम्भ हुआ, ‘फ़्रांस की राज्य क्रांति कहते हैं। फ्रांस की क्रान्ति को मीराबो, लफायेत, दान्तो, रोव्सिपियरे आदि महान् व्यक्तियों ने अपनी रक्त देकर सफल बनाया ।
क्रान्ति के परिणाम (Results of the Revolution)
इस क्रान्ति ने फ्रांस पर ही नहीं, बल्कि यूरोप के सभी देशों पर गहरा प्रभाव डाला। इसलिये फ़्रांस की राज्य क्रान्ति को विश्व के इतिहास की एक महानतम घटना कहा जाता है। फ्रांसीसी क्रान्ति न केवल हथियारों का युद्ध थी वरन् विचारधाराओं का संघर्ष भी थी, फांसीसी दार्शनिकों (बोल्टेरर, मोंटेस्क्यू, रूसो) ने अपने विचारों से इस क्रान्ति की पृष्ठभूमि तैयार की थी। अतः इस क्रांति ने सारे संसार को
स्वतन्त्रता, समानता और भ्रातृत्व का नया सन्देश दिया। इस क्रान्ति ने ही प्रजातन्त्रवाद, राष्ट्रवाद तथा समाजवाद जैसी शक्तिशाली विचारधाराओं के प्रवाह से सारे यूरोप के मानचित्र को बदल दिया और प्राचीन काल से आ रहे राजनीतिक तथा सामाजिक तरीकों का अन्त कर दिया ।
संक्षेप में फांस की राज्य क्रान्ति के निम्नलिखित परिणाम हुये –
(1) फ्रांस की क्रान्ति के अन्तर्गत ‘मानव अधिकारों की घोषणा’ (25 अगस्त 1789 ई०) मानव जाति की स्वाधीनता के लिए बड़ी महत्वपूर्ण थी ।
(2) इस क्रान्ति ने यूरोप में लोकतंत्रीय विचारों का प्रसार किया ।
(3) फ्रांसीसी क्रांति ने संसार को स्वतंत्रता, समानता और बन्धुत्व का सन्देश दिया ।
(4) इस क्रांति ने सारे यूरोप में राष्ट्रीयता की भावना का विकास और प्रसार किया।
(5) इम क्रान्ति से साधारण जनता को अपनी वास्तविक शक्ति का ज्ञान हुआ ।
(6) इस क्रांति ने कृषि व उद्योग धंधों को भी प्रोत्साहन दिया ।
(7) इस क्रान्ति ने यूरोप में निरंकुश शासन का अन्त कर दिया और सामन्तों तथा पादरियों के विशेषाधिकार समाप्त पर दिये ।
(8) इंगलैंड, आयरलैण्ड तथा यूरोपीय देशों पर इस क्रान्ति का गहरा प्रभाव पड़ा ।