Minority Community Meaning In Hindi
Minority Community Meaning In Hindi: “Minority Community” जिसका अर्थ “अल्पसंख्यक समुदाय” होता है। किसी भी देश या राज्य में किसी जाति विशेष के लोग अगर कम मात्रा में मौजूद हों तो अल्पसंख्यक यानि Minority Category में आते हैं।
“जब कभी भी आप ऑनलाइन फार्म भरते हैं, तब आपको Minority Community का भी विकल्प जरूर दिखाई दिया होगा। क्या आपने कभी सोचा है ये क्या है, और क्यों है? आज के इस लेख में हम Minority community (अल्पसंख्यक समुदाय) के बारे में जानेंगे और इसके महत्व के बारे में भी जानेंगे। हम यह भी जानेंगे की आज Minority Category के अन्दर कौन-कौन लोग आते हैं?
हाल के मामले
- भारत सरकार के हालिया रिपोर्ट में, सुप्रीम कोर्ट में PIL दाखिल की गयी, जहां भारत के 8 राज्य ऐसे हैं, जहां हिन्दू अल्पसंख्यक हैं।
- इस PIL में 2011 के जनगणना को आधार बनाया है, इसमें कहाँ गया की इन क्षेत्रों में अल्पसंख्यक का लाभ हिन्दुओं को दिया जाए।
- जम्मू और कश्मीर में मुस्लिम 68% है इसके बावजूद भी उनको अल्पसंख्यक का लाभ मिल रहा है।
हिन्दू अल्पसंख्यक राज्य |
|
लद्दाख | 1 % |
मिजोरम | 2.8% |
लक्षद्वीप | 2.8% |
कश्मीर | 4% |
नगालैंड | 8.7% |
मेघालय | 11% |
अरुणाचल | 29% |
पंजाब | 38% |
मणिपुर | 41.3% |
आंकड़े India Times के अनुसार – Hindu Minority News
भारतीय संविधान में ‘अल्पसंख्यक’ की परिभाषा
भारतीय संविधान में ‘अल्पसंख्यक‘ (Minorities) शब्द का उल्लेख कई स्थानों पर किया गया है, हालांकि संविधान में कहीं भी ‘अल्पसंख्यक’ शब्द की स्पष्ट परिभाषा नहीं दी गई है।
संविधान के तहत अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े प्रावधान
संविधान का अनुच्छेद 29 ‘अल्पसंख्यक वर्गों के हितों के संरक्षण’ से संबंधित है। इसके अनुसार, (1) ‘भारत के राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी नागरिक के अनुभाग, जिसकी अपनी विशेष लिपि या संस्कृति है, उसे बनाए रखने का अधिकार होगा।
(2) राज्य द्वारा पोषित या राज्य-निधि से सहायता पाने वाले किसी शिक्षण संस्थान में प्रवेश से किसी भी नागरिक को केवल धर्म, मूलवंश, जाति, भाषा या इनमें से किसी के आधार पर वचित नहीं किया जाएगा।
संविधान का अनुच्छेद 30 ‘शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन के संदर्भ में अल्पसंख्यकों के अधिकार’ से संबंधित है।
अनुच्छेद 30(1) के अनुसार, धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी रुचि की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना एवं प्रशासन का अधिकार होगा।
अनुच्छेद 30(2) के अनुसार, शिक्षा संस्थानों को सहायता देने में राज्य किसी शिक्षा संस्था के विरुद्ध इस आधार पर विभेद नहीं करेगा कि वह धर्म या भाषा पर आधारित अल्पसंख्यक वर्ग के प्रबंधन में है।
संविधान का अनुच्छेद 350(B): वर्ष 1956 में संविधान के 7वें संशोधन के माध्यम से अनुच्छेद 350 में इस उपबंध [350 (B)] को जोड़ा गया था। अनुच्छेद 350(B) के अनुसार, भाषायी अल्पसंख्यक वर्गों के लिये एक विशेष अधिकारी होगा, जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। विशेष अधिकारी का यह कर्त्तव्य होगा कि वह संविधान के अधीन भाषायी अल्पसंख्यक वर्गों के लिये उपबंधित रक्षोपायों से संबंधित सभी विषयों का अन्वेषण करे और उन विषयों पर राष्ट्रपति को प्रतिवेदन दे और राष्ट्रपति ऐसे सभी प्रतिवेदनों को संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखवाएगा तथा संबंधित राज्य सरकारों को भिजवाएगा।
सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों का निर्धारण
वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992’ की धारा 2 (C) के तहत अधिसूचित समुदायों को ही अल्पसंख्यक के रूप में माना जाता है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम की धारा 2(C) के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार ने 23 अक्तूबर, 1993 को पाँच समुदायों- मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी– को ‘अल्पसंख्यक’ समुदायों के रूप में अधिसूचित किया।
जनवरी 2014 में ‘जैन‘ समुदाय को भी इस सूची में जोड़ दिया गया।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (National Commission for Minorities)
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग एक सांविधिक निकाय है। इसकी स्थापना राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के तहत स्थापित की गयी थी। किसी भी मामले की जाँच करने के दौरान अल्पसंख्यक आयोग के पास दीवानी अदालत के अधिकार होते हैं। इस आयोग का विस्तार जम्मू कश्मीर के अलावां पुरे भारत में है।
संरचना
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की संरचना की बात करें तो इसके अध्यक्ष का मनोययन केंद्र सरक़ार के द्वारा होता है। केंद्र सरकार द्वारा मनोनीत अध्यक्ष सहित पांच अन्य सदस्य भी होते हैं। इन सदस्यों को प्रशाशन, आर्थिक विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और समाज कल्याण का अनुभव होना चाहिए।
- अध्यक्ष सहित पांच सदस्य अल्पसंख्यक समुदाय से होते हैं।
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और प्रत्येक सदस्य तीन साल की अवधि के लिए अपना पद धारण करते हैं।
कार्य
- यह संघ और राज्यों के तहत अल्पसंख्यकों के विकाश की प्रगति का मूल्यांकन करता है
- यह अल्पसंख्यकों को अधिकारों या सुरक्षा उपायों से वंचित करने की शिकायतों पर गौर करता है
- यह अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा के लिए केंद्र या राज्य सरकार को प्रभावी उपायों की सिफारिशें करता है।
- अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक विकास से सम्बंधित मुद्दों पर अध्ययन, अनुसंधान और विश्लेषण करना भी इस आयोग के कार्यों में शामिल है।
- यह आयोग केंद्र सरकार को अल्पसंखयक की सामने आयी मुश्किलों से सम्बंधित समय-समय पर विशेष रिपोर्ट देता है।
शाक्तियां
- आयोग के पास उपरोक्त कार्यों को करने के लिए दीवानी अदालत की शक्तियां होती हैं।
- यह भारत के किसी भी भाग से किसी भी व्यक्ति को समन भेज कर उसकी हाजरी ले सकता है
- यह किसी भी दस्तावेज को खोजने तथा प्रस्तुत करने के लिए कह सकता है।
- यह हलफनामों पर गवाही ले सकता है
- यह किसी भी न्यायालय या सरकार दगतर से पब्लिक रिकॉर्ड की मांग कर सकता है।
- यह गवाहों तथा दस्तावेजों की जांच के लिए आदेश जारी कर सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस लेख के माध्यम से आपको मैंने Minority Community Meaning In Hindi के बारे में जानकारी दी है तथा Minority Community को विस्तार रूप से जाना है, आप ने विभिन्न धर्म को जाना जो Minority Community में आते हैं।