राष्ट्रीय एकता दिवस कब मनाया जाता है?

National Integration Day (राष्ट्रीय एकता दिवस)

 Integration Day Meaning?: Integration Day, जिसे हिन्दी में एकता दिवस के रूप में जाना जाता है। Integration Day को अखंडता दिवस और कौमी एकता के नाम से भी जाना जाता है। इस लेख में मैं आपको एकता दिवस के बारे में जानकारी दूंगा। साथ ही लेख के आखरी में आपसे एकता दिवस से सम्बंधित कुछ प्रश्न होंगे जिसे आप देख सकते हैं, ये आपके भविष्य के परीक्षा में मदद कर सकता है।

National Integration Day In India

19 नवम्बर को हर साल देश भर में “राष्ट्रीय एकता दिवस” के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय एकीकरण दिवस को भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री “इंदिरा गांधी” की जयन्ती को चिन्हित करता है। इंदिरा गाँधी के द्वारा भारत के लोकतांत्रिक ढ़ांचे को मजबूत करने की दिशा में किए गए प्रयासों के सम्मान में National Integration मनाया जाता है।

इंदिरा गांधी के बारे में

जन्म – 19 नवंबर 1917 इलाहाबाद के नेहरू परिवार में  हुआ था, इंदिरा गाँधी प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू की पुत्री थी। सन 1942 में इंदिरा गाँधी ने फिरोज गाँधी से शादी की।

  • स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान “बाल चरखा संघ” की स्थापना की।
  • 1930 में कांग्रेस पार्टी की सहायता के लिए “वानर सेना” का निर्माण
  • 1958 में कांग्रेस के केन्द्रीय बोर्ड के सदस्य के रूप मैं नियुक्त
  • 1959-60 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनी ।
  • अपने पिता पंडित जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद “राज्य सभा” में सदस्य चुनी गयी
  • श्री लाल बहादुरशास्त्री की कैबिनेट में सूचना मंत्री और प्रसारण मंत्री

प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल:-

  • जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक
    जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 तक

इसके अलावा उन्होंने विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय के साथ-साथ योजना आयोग की भी अभ्यक्षता की थी।

उपलब्धियाँ :

  • भारत रत्न
  • बांग्लादेश की मुक्ति के लिए मैक्सिकन अकादमी पुरस्कार (1972)
  • साहित्य वाचस्पति (हिन्दी) 1976
  • मदर्स अवार्ड 1953 “यू. एस. ए.” द्वारा

Integration day (एकता दिवस)

  • राष्ट्रीय एकता दिवस स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में राष्ट्रवाद और देशभक्ति गौरव के साथ मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों को एक मंच पर एक साथ लाना है।
  • राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य भारत की भावना कर प्रसार करता है।
  • राष्ट्रीय एकता का तात्पर्य किसी देश के निवासियों की सामूहिक पहचान से है।

Essay On National Integration Day (राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध)

“राष्ट्रीय एकता है हमारी पहचान, इसी से होगा अखंड भारत का निर्माण।”

प्रस्तावना

राष्ट्रीय एकता एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया व एक भावना है जो किसी राष्ट्र अथवा देश के लोगों में भाई-चारा अथवा राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं अपनत्व का भाव प्रदर्शित करती है।

एक देश में रह रहे लोगों के बीच एकता की शक्ति का होना उस देश के सर्वागीण विकास हेतु अत्यंतआवश्यक है।

राष्ट्रीय एकता का अर्थ

एकता का साधारण अर्थ होता है मिल झुल कर कार्य करना, राष्ट्रीय एकता का मतलब ही होता है, राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न- भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम, एकता और भाईचारे का बना रहना। राष्ट्रीय एकता में केवल शारीरिक समीपता ही महत्वपूर्ण नहीं होती बल्कि उसमें मानसिक, बौद्धिक, वैचारिक और भावात्मक निकटता की समानता आवश्यक है।

राष्ट्रीय एकता का महत्व

भारत देश को गुलामी, साम्प्रदायिक झगड़ों, दंगों से बचाने के लिए देश में राष्ट्र एकता का होना अतिआवश्यक है। राष्ट्रीय एकता देश के लिए कितनी आवश्यक है यह हमें अंग्रेजों की 200 साल से भी अधिक की गुलामी से समझ आ जाना चाहिए।

दुश्मन भी हमारा कुछ ना बिगाड़ पाएंगे, राष्ट्रीय एकता को जब हम अपना आधार बनाएंगे” एकता में शक्ति है अतः हमें राष्ट्रीय एकता के महत्व को समझना चाहिए।

राष्ट्रीय एकता में बाधक तत्व

आर्थिक और सामाजिक असमानता राष्ट्रीय एकता में बहुत बड़ी बाधा है। उस असमानता का मूल है अहं और स्वार्थ। इसलिए राष्ट्र की भावात्मक एकता के लिए अहं और स्वार्थ को छोड़ना अत्यंत आवश्यक है। जातीय असमानता भी राष्ट्रीय एकता में बहुत बड़ी बाधा है। इसी प्रकार साम्प्रदायिकता, भाषावाद, रंगभेद, क्षेत्रीयता, दूषित शिक्षा प्राणी, दूषित राजनीति भी राष्ट्रीय एकता के प्रमुख बाधक तत्व हैं।

राष्ट्रीय एकता को बल देने के उपाय

राष्ट्रीय एकता को बल देने हेतु सर्वप्रथम देश के नागरिकों को एक दूसरे को आदर सम्मान देने हेतु जागरूक किया जाना चाहिए। सामाजिक असमानता को बल देने वाले सभी कानूनों को समाप्त किया जाना चाहिए। नकारात्मक विचारों से दूर रहकर सकारात्मकता को बढ़ावा देना चाहिए। हमारी सरकार और मीडियाकर्मी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

निष्कर्ष

भारत एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न धर्म, क्षेत्र, संस्कृति, परंपरा, नस्ल, जाति, रंग और पंच के लोग एक साथ रहते हैं। विविधता में एकता हमारी राष्ट्रीय पहचान है, जिसको बनाये रखना हमारा परम् कर्तव्य है। अतः हर भारतवासी को चाहिए कि राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने में अपना योगदान अवश्य दे।

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