TRAI Full Form In Hindi, ट्राई क्या है?

TRAI Full Form

क्या आप जानते हैं TRAI का Full Form क्या होता है?, TRAI जिसका Full Form “Telecom Regulatory Authority of India” होता है। जिसे हिन्दी में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण कहते हैं। आइये इस लेख के माध्यम से भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानि (TRAI) को जाने।

What Is TRAI (ट्राई क्या है?)

भारत सरकार द्वारा देश के हित के लिए TRAI की स्थापना की गयी, जो एक प्रकार की संस्था है। यह भारत में दूरसंचार व्यवसाय का स्वतंत्र नियामक है। इसकी स्थापना दूरसंचार सेवाओं और टैरिफ को विनियमित करने के लिये संसद के एक अधिनियम द्वारा वर्ष 1997 में की गई थी।

ट्राई एक सरकारी संस्था है जो देश में दूरसंचार के क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों के लिये नियामक अर्थात् उनके नियमन और देख-रेख का काम करती है।

दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (TEC)

TEC, दूरसंचार विभाग की तकनीकी शाखा है जो दूरसंचार क्षेत्र में मानकीकरण और संबंधित पहलुओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

पृष्ठभूमि

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने स्ट्रीट फर्नीचर का उपयोग करके अगली पीढ़ी के दूरसंचार बुनियादी ढाँचे की तैनाती के लिये दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक पायलट अध्ययन शुरू किया था।

अध्ययन के निष्कर्ष भारतीय हवाई अड्डों पर मौजूदा स्ट्रीट फर्नीचर, जैसे ट्रैफिक सिग्नल, लाइट साइनेज, लैंप पोस्ट, लाइट पोल, यूटिलिटी पोल और विज्ञापन होर्डिंग का उपयोग करके स्माल सेल्स की तैनाती को सक्षम की तैनाती को सक्षम करने में मदद करेंगे।

मुख्य बिंदु

इन रिपोर्ट्स का शीर्षक क्रमशः “स्ट्रीट फर्नीचर का उपयोग करके 5जी नेटवर्क के लिये छोटे सेल की शुरुआत” और “स्मार्ट सिटी के लिये इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT)/सूचना व संचार तकनीक (ICT) मानक” हैं।

ये TEC, दूरसंचार विभाग, भारत सरकार के संबंधित प्रभागों द्वारा विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श करके तैयार की गई हैं।

स्मार्ट सिटी के लिये IOT / ICT मानकों पर पेश की गई तकनीकी रिपोर्ट में स्मार्ट सिटी के विभिन्न खंडों में IOT / ICT आधारित स्मार्ट अवसंरचना के विकास से संबंधित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों और मानकों को शामिल किया गया है।

इस रिपोर्ट में IOT एवं स्मार्ट सिटी पर जारी मानकों और शहरों की स्मार्टनेस का आकलन करने के लिये मुख्य प्रदर्शन संकेतकों (KPI) को भी शामिल किया गया है।

रिपोर्ट का महत्त्व

देश में शीघ्र ही 5जी नेटवर्क के शुरू होने की उम्मीद के साथ, उच्च स्पेक्ट्रम बैंड की शुरुआत के कारण स्माल सेल की आवश्यकता और भी महत्त्वपूर्ण हो जाएगी, जिसके लिये प्रति यूनिट क्षेत्र में बड़े ट्रैफिक वॉल्यूम की प्राप्ति हेतु सघन नेटवर्क परिनियोजन की आवश्यकता होती है।

यह रिपोर्ट स्ट्रीट फर्नीचर का लाभ उठाकर 5G नेटवर्क के लिये स्माल सेल के रोलआउट पर देश में सघन स्माल सेल बुनियादी ढाँचे के प्रसार हेतु एक मानक दृष्टिकोण प्रदान करेगी।

TEC की यह रिपोर्ट स्मार्ट सिटी के लिये मानक आधारित परिवेश को विकसित करने में शामिल हितधारकों के लिये एक बेहतरीन संदर्भ दस्तावेज साबित हो सकती है।

  • समय पर और बिना किसी परेशानी के 5जी सेवाओं का शुभारंभ करने के उद्देश्य की प्राप्ति और देश में स्मार्ट सिटी के लिये मानकीकृत परिवेश को विकसित करने हेतु ये मानक महत्त्वपूर्ण हैं।
  • इसके लिये सघन नेटवर्क स्थापित करना आवश्यक होता है ताकि प्रति यूनिट क्षेत्र में और भी अधिक ट्रैफिक या दूरसंचार यातायात को आवश्यक सहारा दिया जा सके।

स्मॉल सेल

स्मॉल सेल पारंपरिक बेस स्टेशनों के समान हैं जिनका उपयोग दूरसंचार निगमों द्वारा कई वर्षों से किया जा रहा है।

ये छोटे भौगोलिक क्षेत्र को कवर करने के लिये कम शक्ति कम दूरी की वायरलेस ट्रांसमिशन तकनीकों का उपयोग करते हैं।

इन सेल्स का उपयोग मुख्य रूप से ग्राहकों को घर के अंदर और बाहर दोनों जगह हाई स्पीड डेटा सेवाएँ प्रदान करने के लिये किया जाता है।

कार्यपद्धति-5G नेटवर्क सिस्टम में, स्मॉल सेल अपने निकटतम मेगा सेल से सिग्नल प्राप्त करते हैं जो लंबी दूरी पर सिग्नल ट्रांसमिशन में मदद करता है।

निल्स के प्रकार

  • फेमटोसेल्स: कवरेज क्षेत्र 10 मीटर
  • पीकोसेल्स: कवरेज क्षेत्र 10 मीटर
  • मेगासेल्स: 2 किलोमीटर

मुद्दे

ऑफ राइट (RoW) तक पहुँच, प्रक्रियात्मक सरलीकरण, उच्च क्षमता वाले बैकहॉल का प्रावधान और स्थिर बिजली की उपलब्धता संबंधी मुद्दे हैं जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है।

वर्तमान में स्माल सेल्स संबंधी कोई नियामकीय प्रावधान नहीं हैं।

स्ट्रीट फर्नीचर के भार को वहन करने की क्षमता संबंधी मुद्दे शामिल हैं।

सुझाव

स्ट्रीट फर्नीचर के परमिट हेतु सुव्यवस्थित और सरलीकृत प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिये।

नई साइट्स के अधिग्रहण के लिये सुगम मानदंड तैयार करने चाहिये।

बुनियादी संरचनाओं हेतु पारदर्शिता अपनाई जानी चाहिये।

नोट: दूरसंचार विभाग ने राज्यों में ‘राइट ऑफ वे’ (ROW) संबंधित प्रक्रियाओं में स्थिरता लाने और 5G तकनीक के अखिल भारतीय रोल आउट से पहले दूरसंचार बुनियादी ढांचे की तैनाती को बढ़ावा देने हेतु मसौदा नीति दिशानिर्देश जारी किये हैं।

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