प्राक्कथन- प्राचीन संसार की प्रमुख सभ्यताओं में भारत की वैदिक सभ्यता को उच्च स्थान प्राप्त है विद्वानों का अनुमान है कि आज से लगभग दो हजार वर्ष ईसा पूर्व आर्यों ने सिन्धु व गंगा की घाटी में अपनी सभ्यता का विकास किया था।
1. वैदिक सभ्यता के निर्माता- आर्य (Founder of Vedic Civilization, Aryan ) – आर्य संसार की एक विख्यात जाति का नाम है, जिसकी एक शाखा बहुत प्राचीन काल में भारत में आकर बस गई, जिसे भारतीय आग का नाम दिया गया। आगे बहुत श्रेष्ठ और सभ्य लोग थे। उनका लम्बा-चौड़ा कद गोरा रंग तथा उनकी लम्बी नाक होती थी। वे बड़े बीर और सुन्दर व्यक्तित्व वाले लोग थे ।
2. आर्यों का मूल निवास स्थान (Original Home of The Aryans) – आर्यों के मूल निवास के सम्बन्ध में इतिहासकारों में बहुत मतभेद है। श्री अविनाश चन्द्र व कुछ अन्य विद्वानों का मत है कि भारत में ‘सप्त सिन्धु’ (पंजाब और उत्तरी सीमा प्रान्त) उनका मूल निवास स्थान था। ‘बालगंगाधर तिलक’ के अनुसार के अव प्रदेश के रहने वाले थे। प्रोफेसर गाइल्स आदि यूरोपीय विद्वान आस्ट्रिया-हंगरी को आयों का मूल निवास बताते है। स्वामी दयानन्द के अनुसार वे तिब्बत से आये थे। मैक्समूलर का विचार है कि आर्य जाति का मूल निवास स्थान मध्य एशिया था और वे वहां से विभिन्न देशों को गये। आजकल मैक्समूलर का मत ही अधिक मान्य है ।
3. आर्यों का प्रसार (Expansion of Aryans) – आर्य भारत में कब आये ? यह कहना कठिन है। विद्वानों का अनुमान है कि आयं सम्भवतः ईसा पूर्व 4000 से 10000 के बीच भारत मे आये । वे छोटे-छोटे कबीलों के रूप में सैकड़ों वर्षों तक भारत में आते और बसते रहे। धर्म ग्रन्थों की समानता के आधार पर विद्वानों ने यह अनुमान लगाया है कि आर्य शायद ईरान से भारत आये थे। ऋग्वेद में काबुल, कुरंस, मोमल सवात आदि ईरानी नदियों का उल्लेख मिलता है। आर्य पहले पंजाब में, फिर गंगा की घाटी में औरधीरे-धीरे सारे भारत में फैल गये ।
आर्यों को भारत की प्राचीन जाति द्रविड़ से युद्ध करना पड़ा, जिन्हें हरा कर आर्यों ने उत्तरी भारत में अपनी सत्ता स्थापित की। आर्यों का देश भारत के इतिहास में आर्यावर्त के नाम से प्रसिद्ध है।
4. आर्यों की सभ्यता और संस्कृति (The Culture and Civilization of Aryans) – आर्यो सभ्यता और संस्कृति संसार में वैदिक सभ्यता के नाम से विख्यात है। इस सभ्यता का अध्ययन हम दो भागों कर सकते हैं।