Venus का मतलब क्या होता है? (Venus Meaning In Hindi)
Venus Planet In Hindi: Venus जिसका हिन्दी मतलब “शुक्र” होता है, यह एक “ग्रह” है। Venus ग्रह का अध्य्यन ज्योतिष विज्ञान (Astrology) और भूगोल (Geography) के अंतर्गत किया जाता है। आज के इस लेख में मैं आपको शुक्र ग्रह के बारे में (About Venus In Hindi) बताऊंगा।
शुक्र ग्रह के बारे में (About Venus In Hindi)
सूर्य के दूसरे नम्बर पर आगे वाला ग्रह शुक्र है, शुक्र और सूर्य के बीच में बुध ग्रह स्थित है। शुक्र ग्रह को “सुंदरता की देवी या सौंदर्य ग्रह” कहा जाता है।
अन्य नाम | सुंदरता की देवी |
व्यास |
12,102 किलोमीटर, (7520 मील) |
मास (Mass) | 4870 मिलियन, मिलियन, मिलियन टन |
तापमान | 457°C (अत्यधिक तापान्तर उपलब्ध नहीं ) |
सूर्य से दूरी | 108 मिलियन किलोमीटर (67 मिलियन मील) |
दिन की अवधि | पृथ्वी के 243.01 दिन के बराबर |
वर्ष | पृथ्वी के 224.7 दिनों के बराबर |
ऊपरी सतह का घनत्व |
बुध ग्रह की तरह ही शुक्र ग्रह को आन्तरिक ग्रह के श्रेणी में रखा जाता है, शुक्र के साथ ही पृथ्वी, और मंगल ग्रह भी आन्तरिक ग्रह के श्रेणी में आते हैं।
शुक्र (वीनस) को पृथ्वी का “जुड़वां ग्रह” भी माना जाता है, परन्तु दोनों ग्रहों में बहुत-सी असमानतायें हैं। उदाहरण के लिए शुक्र ग्रह पर ऊँच-ऊँचे पठार, अनेक ज्वालामुखी, वलनदार पवर्तमालायें तथा समतल लावे के मैदान हैं।
शुक्र ग्रह कार्बन डाई-ऑक्साइड तथा सल्फर ऑक्साइड (Sulfuric Oxide) युक्त वायुमण्डल से लिपटा हुआ है। इसमें दो बड़े भू-भाग महाद्वीपों के समान हैं जिनकी ऊँचाई कई किलोमीटर है। इसीलिए कहा जाता है कि शुक्र ग्रह का धरातल हमारी पृथ्वी के समान है।
1. शुक्र ग्रह की स्थिति (Position Of Venus)
शुक्र ग्रह, सूर्य से लगभग 108 करोड़ किलोमीटर (67.2 मिलियन मील) की दुरी पर मौजूद है। यह ग्रह बुध और पृथ्वी के बीच में मौजूद है।
पृथ्वी से शुक्र ग्रह की औसत दूरी लगभग 41 करोड़ किलोमीटर (25.4 मिलियन मील) है। हालांकि, यह दूरी शुक्र ग्रह के उदय और अस्त होने के संबंध में भी बदलती रहती है।
2. शुक्र ग्रह का तापमान (Temperature Of Venus)
क्या आपने सोचा है की सबसे ज्यादा गर्म ग्रह कौन सा है? आपका जवाब होगा बुध क्योंकि बुध सूर्य से सबसे अधिक निकट है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है।
शुक्र ग्रह का तापमान काफी ऊष्मीय है, यह ग्रह, बाकि सभी ग्रहों में सबसे अधिक गर्म वाला ग्रह है। शुक्र ग्रह का औसत तापमान करीब 457°C (863 डिग्री फ़ेरेनहाइट) है, जो पृथ्वी के मौसम से काफी ज्यादा अधिक है।
यह ग्रह धरती से लगभग नौ गुना अधिक ज्यादा गर्म है, शुक्र ग्रह के अधिक तापमान होने के कारण यहाँ जीवन की सम्भावना ना मात्र है।
शुक्र ग्रह के ज्यादा गर्म होने का मुख्य कारण शुक्र ग्रह के करीब एक घने अति वायुमंडल होने से है, जो उसे धरती से अधिक गर्म बनाता है। इससे यह मालूम होता है की किसी ग्रह का तापमान अधिक और काम होने का कारण सूर्य से दुरी नहीं बल्कि वातावरण होता है।
अन्य ग्रहों की तुलना में शुक्र ग्रह का वातावरण की परत काफी मोटी है, जिससे वह सूर्य की गर्मी को बाहर छोड़ नहीं पाता, जिससे शुक्र ग्रह सबसे अधिक गर्म ग्रह है।
3. सूर्य की परिक्रमा (Orbiting The Sun)
शुक्र ग्रह की परिक्रमा सूर्य से लगभग 59.6 दिनों में होती है। शुक्र ग्रह का एक वर्ष लगभग 225 पृथ्वी दिनों के बराबर होता है और इसकी दिन की अवधि भी लगभग 243 पृथ्वी दिन होती है।
शुक्र ग्रह की परिक्रमा सूर्य से लगभग 108,200,000 किलोमीटर की दूरी पर होती है जो कि धरती से लगभग 67.2 मिलियन मील की दूरी होती है। शुक्र ग्रह की अवधि बड़ी होने के कारण उसकी परिक्रमा की दूरी बदलती रहती है जो कि सौर मंडल के अन्य ग्रहों की तुलना में कम होती है।
4. शुक्र का गुरुत्वाकर्षण (Gravity Of Venus)
शुक्र ग्रह की आकार और मास धरती से कम होने के कारण उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति धरती से कम होती है, इसका मतलब है कि यदि आप शुक्र ग्रह पर चलेंगे तब आपको चलने में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
शुक्र ग्रह का गुरुत्वाकर्षण धरती के गुरुत्वाकर्षण के करीब 0.88 गुणा होता है, शुक्र ग्रह का गुरुत्वाकर्षण उसके अधिकतम दूरी और आकार पर निर्भर करता है।
5. जीवन की सम्भावना (Life Expectancy)
शुक्र ग्रह उष्णकटिबंधीय ग्रह है, इस ग्रह का तापमान 240°C से 457°C है, जो की बाकी सभी ग्रहों की तुलना में सबसे अधिक है।
शुक्र ग्रह पर अत्यधिक तापमान, वायुमंडल की अभाव, और भारी बारिश के बिना एक अत्यंत शुष्क मौसम है।
इसके अलावा, शुक्र ग्रह पर अत्यधिक भारी वायुमंडल है, जो वहां मनुष्य के जीवन के लिए अनुकूल नहीं है क्योंकि उच्च तापमान जीवन के लिए अनुकूल नहीं होता।
6. ज्वालामुखी, तूफ़ान और भूकंप (Volcanoes, Storm And Earthquakes)
शुक्र ग्रह पर ज्वालामुखी, तूफान और भूकंप के प्रमुख कारक वातावरण की अस्तित्व में अंतर होने के कारण हैं। इस ग्रह पर वायुमंडल की अभाव होने के कारण, यहाँ तापमान बहुत उच्च होता है जिससे धातुओं की द्रवता कम हो जाती है।
1. ज्वालामुखी (Volcanoes)
शुक्र ग्रह पर ज्वालामुखी पाए जाते हैं, जो उत्पन्न होते हैं जब उष्मा अंतरिक्ष द्वारा शुक्र ग्रह की पृथ्वी के समान आकार की धातु सतह को पहुँचती है। जब ये उष्माएं धातु के साथ संघर्ष करती हैं, तो उनमें अधिक ताप उत्पन्न होती है, जिससे उष्माएं पत्थरों के रूप में शुक्र ग्रह की सतह पर टपकती हैं।
2. तूफान (Storm)
शुक्र ग्रह पर बादल नहीं होते हैं, लेकिन उष्मा के कारण तापमान बहुत उच्च होता है जिससे तीव्र वायुमंडलीय विस्फोट जैसे मौसमी घटनाएं होती हैं। इन विस्फोटों के दौरान, अधिकतम वेग वाले हवाओं द्वारा तीव्र वेग से धूल और धूम्रपान उठता है।
3. भूकंप (Earthquakes)
ज्वालामुखी और तूफ़ान के साथ-साथ यहाँ समय समय पर भूकंप भी आते हैं, जिसके कारण यहाँ जीवन संभव नहीं है।
7. शुक्र ग्रह के उपग्रह (Satellites Of Venus)
शुक्र ग्रह को कोई भी उपग्रह नहीं है, इसके साथ ही बुध ग्रह का भी कोई उपग्रह नहीं है।
निष्कर्ष (Conclusion)
शुक्र ग्रह के बारे में नासा और इसरो द्वारा समय समय पर जीवन के अनुकूल परिस्थिति के बारे में शोध होता रहता है, यहाँ के तापमान, वातावरण, गुरुत्वाकर्षण आदि मह्त्वपूर्ण जानकारी की जानकारी प्राप्त की जाती है। हालाँकि अभी तक शुक्र ग्रह पर जीवन की कोई भी उम्मीद नहीं की जा सकती है, इसका कारण यहाँ का तापमान और ऑक्सीजन की कमी है।